हैदराबाद की पशु चिकित्सक के आरोपियों को तेलंगाना की पुलिस ने एनकाउंटर कर ढेर कर दिया। इसके बाद देश में बेटियों को इंसाफ में होने वाली देरी पर सवाल उठने लगे। लोगों ने कहा कि न्याय मिलने में होने वाली देरी की वजह से ही हैदराबाद एनकाउंटर जैसे हालात बने। निचली अदालतों में दुष्कर्म के मामलों में फांसी की सजा सुनाई गई। वो बात अलग है कि ये मामले उच्च अदालतों तक पहुंचे। इसके बावजूद मध्य प्रदेश दुष्कर्मियों को फांसी की सजा सुनाने में सबसे आगे रहा।
दुष्कर्म के मामलों, खासतौर से बच्ची के साथ दरिंदगी के दोषियों के खिलाफ नरमी नहीं बरतने में मध्य प्रदेश सबसे आगे है। इन मामलों में सबसे ज्यादा फांसी की सजा इसी राज्य से सुनाई गई।
राज्य | दुष्कर्म में फांसी | बच्ची से दुष्कर्म में फांसी |
मध्य प्रदेश | 13 | 01 |
कर्नाटक | 08 | 00 |
उत्तर प्रदेश | 04 | 00 |
महाराष्ट्र | 01 | 00 |
तीन साल में कितनी फांसी
पिछले तीन साल में निचली अदालत में दुष्कर्म समेत कई मामलों में फांसी की सजा सुनाई गई। साल 2017 और 2018 में सबसे ज्यादा फांसी की सजा दुष्कर्म के मामलों में ही सुनाई गई।
वर्ष | दुष्कर्म में फांसी | हत्या में फांसी |
2016 | 27 | 49 |
2017 | 43 | 21 |
2018 | 58 | 45 |
फांसी की सजा सुनाने वाले शीर्ष चार राज्य
वर्ष 2018 में निचली अदालत में फांसी की सजा सुनाए जाने के मामले में भी मध्य प्रदेश सबसे आगे रहा।
राज्य | फांसी के मामले |
मध्य प्रदेश | 22 |
महाराष्ट्र | 16 |
कर्नाटक | 15 |
उत्तर प्रदेश | 15 |