मुजफ्फरनगर। शिक्षकों के आंदोलन के चलते परिषदीय स्कूल शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के हवाले रहे। शिक्षकों ने सामूहिक अवकाश रख विरोध दिवस मनाया। कलक्ट्रेट में धरना देते हुए शिक्षक का सम्मान एवं आजीविका बचाओ का नारा बुलंद किया। इस दौरान मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन डीएम दफ्तर पर दिया गया।
उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के तत्वावधान में विभिन्न शिक्षक संगठनों के सामूहिक अवकाश लेने की घोषणा के अनुसार शिक्षकों ने सामूहिक अवकाश लेकर विरोध दिवस मनाया। परिषदीय स्कूलों में शिक्षण की पूरी व्यवस्था का जिम्मा अनुदेशकों और शिक्षामित्रों पर रहा। कलक्ट्रेट में आयोजित धरने के दौरान वक्ताओं ने प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों पर प्रेरणा एप थोपा जा रहा है। शिक्षा सेवा चयन अधिनियम एवं इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम के तहत क्रमश: धारा 21 तथा धारा 16जी-3 की सुरक्षा व्यवस्था समाप्त की जा रही है। इसे स्वीकार करना शिक्षकों के लिए आत्मघाती कदम है। धरने पर वक्ताओं ने पुरानी पेंशन बहाली, वित्तविहीन शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन तथा समान सेवा शर्तें, सभी शिक्षकों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा, तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण, शिक्षकों का परिवार नियोजन भत्ता, महिलाओं को विशिष्ट अवकाश व्यवस्था आदि की मांग की। धरने में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शिव कुमार यादव, सह संयोजक बालेंद्र कुमार, प्राथमिक शिक्षक संघ के संरक्षक राजेंद्र भारसी, जिला मंत्री हेमेंद्र कुमार विश्नोई, अवनीश राठी, संजीव बालियान, इंदू भूषण शर्मा, राकेश राठी आदि मौजूद रहे।
सभी स्कूलों में हुआ शिक्षण कार्य: बीएसए
बीएसए राम सागर पति त्रिपाठी ने बताया कि जिले में कोई भी परिषदीय विद्यालय बंद नहीं रहा। उन्होंने जानसठ क्षेत्र के करीब दस विद्यालयों का निरीक्षण किया है। इन सभी में शिक्षण कार्य होता मिला। साथ ही इन स्कूलों में शिक्षक भी मौजूद मिले।